Holy Michael, the Archangel, defend us in battle. Be our safeguard against the wickedness and snares of the devil. May God rebuke him, we humbly pray; and do you, O Prince of the heavenly host, by the power of God cast into hell Satan and all the evil spirits who wander through the world seeking the ruin of souls. Amen.

Monday 30 October 2023

Hindi Bible Study (True Listeners) WhatsApp Channel

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🛑आप लोग येसु मसीह द्वारा पवित्र किये गये हैं और उन सबों के साथ सन्त बनने के लिए बुलाये गये हैं, जो कहीं भी हमारे प्रभु येसु  मसीह अर्थात् अपने तथा हमारे प्रभु का नाम लेते हैं।  हमारा परम पवन पिता और प्रभु येसु मसीह आप लोगों को अनुग्रह तथा शान्ति प्रदान करें।   (I कुरिन्थियों 1:2-3)🛑

 

आप वचन का अध्ययन क्यों करना चाहते हैं?

 

🛑कोई मेरे पास तब तक नहीं सकता, जब तक कि पिता, जिसने मुझे भेजा, उसे  आकर्षित नहीं करता। मैं उसे अन्तिम दिन पुनर्जीवित कर दूंगा। नबियों ने लिखा है, वे सब-के-सब प्रभु  के शिक्षा पायेंगे। जो प्रभु की शिक्षा सुनता और ग्रहण करता है, वह मेरे पास आता है।  ( सन्त योहन 6:44-45) 🛑

केवल वे ही जो पिता द्वारा आकर्षित होते हैं और प्रभु की आत्मा द्वारा सिखाए जाने के लिए येसु के पास लाए जाते हैं, येसु के सच्चे शिष्य बन सकते हैं। अगर हमें यह आकर्षण मिलता है तो सच्चे शिष्य बनने के लिए क्या करना चाहिए?

 

🛑जिन यहूदियों ने उन में विश्वास किया, उन से येसु ने कहा, "यदि तुम मेरी शिक्षा पर दृढ़ रहोगे, तो सचमुच मेरे शिष्य सिद्ध होगे। (सन्त योहन 8:31) 🛑

 

आपको प्रभु के वचन में कितने दिनों के प्रशिक्षण की आवश्यकता है ?
 
🛑 धन्य है वह, जो एक हज़ार तीन सौ पैतालीस दिन पूरा होने तक प्रतीक्षा करेगा! ( दानिएल 12:12) 🛑

 

इसका संकेत क्या है?

🛑तुम्हारे लिए यह संकेत होगा- इस वर्ष तुम सिल्ला खाओगे, दूसरे वर्ष अपने आप उगने वाला घास-पात, तीसरे वर्ष तुम बोओगे और लुनोगे, दाखबारियाँ लगाओगे और उनका फल खाओगे।  (इसायाह 37 : 30 ) 🛑

 

स्वयं बढ़ना क्या है?

 

🛑 येसु ने उन से कहा, " प्रभु का राज्य उस मनुष्य के सदृश है, जो भूमि में बीज बोता है।वह रात को सोने जाता और सुबह उठता है। बीज उगता है और बढ़ता जाता है हालाँकि उसे यह पता नहीं कि यह कैसे हो रहा है। (सन्त मारकुस 4 : 26-27 )🛑

 

 

बीज क्या है?

 

🛑 "दृष्टान्त का अर्थ इस प्रकार है। प्रभु का वचन बीज है। (सन्त लूकस   8 : 11)🛑

 

इसे कहां बोना चाहिए?
  🛑 क्योंकि प्रभु यूदा के लोगों और येरूसालेम के निवासियों से यह कहता हैः “अपनी पड़ती ज़मीन को
जोतो और काँटों में बीज मत बोओ। यूदा के लोगों और येरूसालेम के निवासियों! प्रभु के
लिए अपने शरीर और अपने हृदय का ख़तना करो। नहीं तो तुम्हारे कुकर्मों के कारण मेरा
क्रोध आग की तरह भड़क उठेगा और कोई उसे बुझाने में समर्थ नहीं होगा। (यिरमियाह  4 : 3-4)🛑

 

हृदय का ख़तना क्यों करें?

 

केवल वही बीज जो अच्छी भूमि पर गिरता है, फल ला सकता है। 👇

 

 🛑 अच्छी भूमि पर गिरे हुए बीज वे लोग हैं, जो सच्चे और निष्कपट हृदय से वचन सुन कर सुरक्षित रखते और अपने धैर्य के कारण फल लाते हैं। (सन्त लूकस  8 : 15) 🛑

 

अपने पापों से पश्चाताप करने, प्रभु के साथ मेल-मिलाप करने, शुद्ध हृदय में वचन को संचित करने और प्रभु के राज्य में चुने जाने के योग्य होने के लिए वचन को हमारे अंदर देह बनना चाहिए।

 

 

 🛑 क्योंकि जो पवित्र नियमों का श्रद्धापूर्वक पालन करते हैं, वे पवित्र माने  जायेंगे और जो उन नियमों से शिक्षा ग्रहण करेंगे, वे उनके आधार पर अपनी सफाई दे सकेंगे।  इसलिए मेरी इन बातों को अपनाओ और इनका मनन करो, जिससे तुम्हें शिक्षा प्राप्त हो। (प्रज्ञा  6 : 10-11)🛑

 

वे सभी आये जो प्रभु के वचन के माध्यम से पवित्र बनना चाहते हैं 👇

 

तुम सब, जो प्यासे हो, पानी के पास चले आओ। यदि तुम्हारे पास रुपया नहीं हो, तो भी आओ। मुफ़्त में अन्न ख़रीद कर खाओ, दाम चुकाये बिना अंगूरी और दूध ख़रीद लो।

 

🛑 तुम सब, जो प्यासे हो, पानी के पास चले आओ। यदि तुम्हारे पास रुपया नहीं हो, तो भी आओ। मुफ़्त में अन्न ख़रीद कर खाओ, दाम चुकाये बिना अंगूरी और दूध ख़रीद लो। (इसायाह 55 : 1) 🛑

प्रत्येक दिन पढ़ने के लिए जो वचन दिया गया है उसे उसी दिन पढ़ना चाहिए

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